Sunday, May 2, 2010

सर्जरी से पहले

सर्जरी के पहले
सर्जरी के नाम से डरते क्यों है?
आपकी या आपके परिचित की सर्जरी होने से भी आप डर जाते हैं । बेहोश किये जाने की कल्पना, पता नहीं कैसे और क्या किया जायेगा? परिणाम की आशंका, आपरेशन के बाद होने वाली पीड़ा और लोगों पर आश्रित रहना आदि विषयों से लोग सर्जरी टालने की कोशिश करते हैं । इसके अतिरिक्त, पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही एक आदत सी है, ऐसी धारणा है कि अक्सर सर्जरी की नौबत किसी भी स्वास्थ्य समस्या का अन्तिम परिहार है ।
यद्यपि विस्तृत अनुसंधान के बाद अब नयी सर्जिकल तकनीक का विकास हुआ है । अब सर्जरी अन्तिम उपाय नहीं रही बल्कि अब रोग निवारणार्थ भी सर्जरी होती है । सर्जरी से अब कुछ चिरकालीन रोगों को समाप्त कर लक्षणों से अच्छा आराम मिल सकता है । वास्तव में इससे नया जीवन मिल जाता है । जैसे घुटने बदलकर आप उम्र में कई साल युवा बन सकते हैं .... आँखों का कैटरेक्ट का ऑप्रेशन करवाकर ... हृदय में स्टेंट लगाकर.... आप उम्र को 25 साल पीछे कर सकते हैं । ऐसे कई उदाहरण है ।
कई लोग सिर्फ आशंका के घेरे में घिर कर और सही सूचना के अभाव में सर्जरी को टालते है जो कि लंबे समय में महत्वपूर्ण होती है । यदि लोगों को यह मालूम हो कि सर्जरी क्यों और कैसे की जाती है, इसकी हाल ही में हुई प्रगति क्या है और आपको क्या किया जाने वाला है इसकी पूरी जानकारी और इसके परिणाम और आपका स्वास्थ्य लाभ कैसा होगा? इन सब सूचना के आधार पर आपकी जीत हो सकती है । जिन रोगियों में शिक्षित, प्रशिक्षित, सूचित करके सर्जरी के लिए तैयार किया जाता है । उनमें स्वास्थ्य लाभ शीघ्र होता देखा गया है ।
ऑप्रेशन के पहले आप इन बातों को सर्जन से पूछें -
1.पूछिये, यह ऑप्रेशन क्यों किया जा रहा है । आपका डॉक्टर आपको संक्षिप्त में समझाएगा और इसके परिणामों की जानकारी देगा । जैसा कि यदि आपका वाल्व परिवर्तन करना होतो वह बतायेगा कि या कृत्रिम वाल्व से आपके हृदय में रक्त का संचार अच्छा रहेगा, इससे हृदय का प्राकृतिक काम हो सकेगा आदि ।
2.आपको सर्जरी से क्या आशाएँ है यह समझ लें और इसकी सीमाएँ क्या हैं? अपने डॉक्टर से पूछे कि आपकी बीमारी कितनी ठीक हो सकती है और इसका प्रभाव कब तक रह सकता है ? जैसे एपेंडिक्स की सर्जरी करके उसे निकाल देने पर पुनः नहीं होता । घुटने परिवर्तन करने पर प्रोस्थेसिस की अवधि 8-10 वर्ष तक होती है । इसके बाद पुनः सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है ।
3. ऑपरेशन के आशान्वित खतरे क्या हो सकते हैं? सर्जरी की जटिलता और रोगावस्था को देखते हुए इसके उपद्रवों की कल्पना और ये उपद्रव होने पर इसकी व्यवस्था और सावधानियों की जानकारी होनी चाहिए । जैसे हिस्टेरेक्टॉमी में गर्भाशय में फायब्रायड होने पर गर्भाशय को निकाल दिया जाता है । इस ऑप्रेशन में चूंकि गर्भाशय में रक्ताधिक्य अधिक होता है उससे अधिक रक्त का रिसाव हो सकता है । ऐसी अवस्था में यदि रोगी का रक्त ग्रूप दुर्लभ, जैसे - ओ निगेटिव हो तो, एक युक्तिसंगत सावधानी है कि ऑटोलोगस ब्लड ट्रान्सफ्यूजन (रक्तदान करवाकर तैयार रखना) अथवा आपात स्थिति में जहॉं रक्त उपलब्ध होता है, उन्हें तैयार रखना।
4.सर्जरी के विकल्प क्या हो सकते हैं? यद्यपि कुछेक अवस्थाओं में सर्जरी करवाना अनिवार्य होता है फिर भी चिकित्सा विज्ञान की हाल ही की प्रगति में कई अवस्थाओं के लिए सर्जरी का विकल्प भी हो सकता है । यदि आप इन्टरनेट द्वारा आपकी अवस्था की नवीनतम उपचार की जानकारी प्राप्त कर पाते हैं तो आपकी मदद हो सकती है । जैसे लैप्रोस्कोपी इसका श्रेष्ठ उदाहरण है, जिसमें सर्जरी की अल्पतम क्षति, ऑप्रेशन के बाद शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और चमड़ी पर घाव का निशान नगण्य होता है ।
5.यदि आप सर्जरी नहीं करवाते तो क्या हो सकता है? सर्जरी करवाने के पूर्व अपने डॉक्टर से इसकी चर्चा कर लें । विशेषतः, यदि आप प्रौढ़ हैं और आपको अन्य समस्याएँ भी है जिससे सर्जरी के बाद कुछ समस्या आ सकती है या आपकी पहले भी सर्जरी हो चुकी हो या क्या आप सर्जरी को कुछ दिन स्थगित करना चाहते हों । उदाहरणार्थ - यदि आपकी उम्र 60 वर्ष की हो और आपको जोड़ों और कूल्हों में दर्द हो ऐसी स्थिति में आप सर्जरी से बचना चाहते हैं और आप अपने लक्षणों को डीएमएआरडी प्रबन्धन करें ।
6.आपको किस प्रकार का एनेस्थिया दिया जाएगा? उसकी जानकारी जरूरी है । सर्जरी के दौरान आप होश में होंगे या बेहोश में हो तो आप मानसिक रूप से तैयार रहेंगे । यदि आपके परिवार में किसी को एनेस्थेसिया से एलर्जी हो तो डॉक्टर को पहले ही बता दें, ताकि इसकी टेस्ट द्वारा जॉंच करने की व्यवस्था की जा सके ।
7.सर्जरी में खर्च कितना आयेगा? आपको यह मालूम होना चाहिए कि सर्जरी के अलावा भी अन्य खर्च होते हैं । जैसे दवा का खर्च, सर्जिकल मटेरियल का खर्च, अस्पताल का किराया, संभवित अतिरिक्त कंसल्टेशन फीस आदि । एक संभावित लगभग खर्च का अनुमान लगाया जा सकता है । यदि आपका बीमा नहीं हो तो सर्जरी के अप्रत्याशित खर्च अपनी जेब से देना पड़ता है । यदि आर्थिक रूप से आप तैयार नहीं हो तो इसकी तकलीफ आपके पूरे परिवार को भुगतनी पड़ सकती है ।
8.ऑप्रेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ में कितने दिन लग सकते हैं? आपको सर्जरी के बाद कितने दिन अस्पताल में रहना पड़ सकता है जान लेना चाहिए । आप कब से चल फिर सकते हैं, आपको पूरी तरह से पुनर्स्थापित होने कितना समय लगेगा ? आपको अपनी ड्‌यूटी की व्यवस्था करना पड़ेगा ?
9.आपके डॉक्टर द्वारा अन्य रोगियों पर की गयी सर्जरी की सांख्यिकी क्या है? आपको यह जानकर विश्वास बढ़ेगा कि आपके डॉक्टर ने अब तक आप जैसे कितने ऑप्रेशन किये हैं ? और उनका कितने लोगों में अच्छा परिणाम निकला है ? कुछ डॉक्टर तो पूर्व रोगियों के सम्पर्क में रहते हैं । पुस्तकों से अधिक प्रैक्टिस से अनुभव होता है ।
10.आप दूसरा परामर्श कैसे ले सकते हैं? और आपके डॉक्टर का क्वालिफिकेशन क्या है ?
दूसरा परामर्श लेने का मतलब है आपको आपके डॉक्टर के प्रति संदेह है । किन्तु आप इससे संबंधित विशेषज्ञ से आपकी समस्या की अन्दरूनी जानकारी ले सकते हैं । ताकि आपको पता चल सके कि आप सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा करवा रहे हैं । डॉक्टर की क्वालिफिकेशन की जानकारी लेने से आपको संतोष होता है कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं । दूसरी सलाह लेना हो तो उससे बड़े विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए । ताकि आपको और अधिक विस्तृत जानकारी मिल सके ।
सर्जरी के नाम से डरते क्यों है?
सर्जरी के प्रकार
सर्जरी की सामान्य श्रेणियॉं हैं - आपातकालिक, उपक्रम के प्रकार, शरीर संस्थान, क्षति की मात्रा और विशेष उपकरण उपयोग ।
इलेक्टिव सर्जरी - यह किसी अजोखिम रोग में की जाती है और रोगी की प्रार्थना पर की जाती है इसमें सर्जन की उपलब्धता और सुविधा देखी जाती है ।
आपातकालिक सर्जरी - यह जीवन रक्षक सर्जरी है, जो शीघ्र करवानी पड़ती है ।
•एक्सप्लोरेटोरी सर्जरी - यह किसी रोग के निदान के लिए की जाती है ।
•थेरैप्टिक सर्जरी - यह पहले से निदान किये गये रोग की चिकित्सा के लिए की जाती है ।
एम्प्यूटेशन - यह शरीर के एक भाग प्रायः हाथ, पैर या अंगुली को काटने के लिए की जाती है ।
इप्लांटेशन - इसमें शरीर के अवयव को फिर से जोड़ा जाता है ।
रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी - यह प्लास्टिक सर्जरी भी कहलाती है । इसमें क्षत भाग को पुनः ठीक किया जाता है । इसका एक भाग कास्मेटिक सर्जरी होता है । इसका उपयोग चेहरे आदि को ठीक दिखने के लिए किया जाता है ।
एक्सीजन - इस सर्जरी में कोई अवयव, टिशू या शरीर के कोई भाग को निकाल दिया जाता है ।
ट्रांसप्लांट सर्जरी - इसमें शरीर कोई अवयव या भाग को किसी अन्य के शरीर से निकाल कर लगाया जाता है । इसके लिए किसी अन्य पशु से भी अवयव लिया जाता है ।
•जब किसी एक अवयव पर की जाती है तो उस अवयव के नाम से सर्जरी को संज्ञा दी जाती है । जैसे - कार्डियक सर्जरी (हृदय पर), गेस्ट्रोइन्टेस्टाइनल सर्जरी (आँतों पर) आर्थोपेडिक सर्जरी (हड्डियों का पेशियों पर)
मिनिमल इनेक्सिव सर्जरी में छोटा सा छेदन करके सूक्ष्म उपकरणों का शरीर की गुहा में प्रवेश करवा कर सर्जरी की जाती है । जैसे लैप्रोस्कोपी या एंजीयोप्लास्टी आदि ।
खुली सर्जरी में बड़ा छेदन किया जाता है ।
लेजर सर्जरी - इसमें टिशू को काटने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है, जैसे सर्जरी में स्कालपेल होते हैं, उसी तरह इस सर्जरी में लेजर किरणें होती हैं ।
माइक्रो सर्जरी में आपरेटिंग माइक्रस्कोप का उपयोग कर सर्जन अवयवों को देखता है ।

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