Monday, May 3, 2010

बेहोशी (मूर्च्छित होना)

बेहोशी (मूर्च्छित होना)
परिचय
बेहोशी या जागरूकता की कमी कई विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें साधारण स्थितियों से विभिन्नता हो सकती है जैसे बेहद भूखे रहना या लंबे समय के लिए धूप में खड़े रहना, प्राण घातक स्ट्रोक या ह्रदयाघात के कारण।
बेहोशी के मामले में प्राथमिक उपचार के दो सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य होते हैं:
•व्यक्ति बेहोश होकर गिरने से उसे पकड़ना, ताकि सिर पर गंभीर चोटों और अन्य दुर्घटनाओं जैसे किसी सड़क दुर्घटना से बचा जा सकता है
•यदि प्राथमिक उपचार के उपायों से 3-5 मिनट में रोगी को पुन:होश नहीं आये तो समीपस्थ अस्पताल में तत्काल प्रवेश करवाना चाहिये।

बेहोशी के सामान्य कारण क्या हैं?

•मधुमेह रोगियों में सामान्यतः निम्न रक्त शर्करा का स्तर,महिलाओं में जो उपवास कर रही हों या एक या दो बार खाना मिस करती हों।
•मधुमेह / हृदय रोगी में स्नायविक स्ट्रोक.
•ह्रदयाघात
•वेसो -वैगल सिन्कोप की अवस्था जिसमें लंबी अवधि तक निचले अंगों में रक्त की पूलिंग होने से, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में अचानक कमी आजाती है और बेहोशी का कारण बन जाती है l इसका सबसे महत्वपूर्ण संकेत के रूप में रोगी के पैरों को जमीन पर फ्लैट रखने या उठा दिया जाने से रोगी जल्द ही होश आ जाता है
•तापघात(हीट स्ट्रोक) से निर्जलीकरण होने पर
•रक्त में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या कोई अन्य चयापचय असंतुलन के कारण

बेहोशी की प्राथमिक चिकित्सा:
•पहले व्यक्ति को गिरने के पहले पकड़ें। कम से कम जमीन पर सिर और गर्दन हिट होने से बचाने के लिए प्रयास करें ।
• जल्दी से उसे जमीन पर फ्लैट लिटा देंवें और हृदय के स्तर से उसके पैर ऊपर उठा देना चाहिये। अगर व्यक्ति लेट नहीं सकता / उसे बैठाकर आगे की ओर नीचे झुका कर घुटनों के बीच के सिर डालकर बैठा देना चाहिये।
•तंग कपड़ों को थोड़ा ढीला कर देना चाहिये। ताजा हवा में रहने दें और उसके चेहरे पर ठंडे पानी छिड़काव दीजिए।
•उसे थप्पड़ न मारें या उसे हिलायें भी नहीं और पेय या खाने के लिए कुछ न देवें।
•यदि कोई रिश्तेदार आसपास है, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या दिल की बीमारी का उपयुक्त रोग के इतिहास के बारे में पूछताछ करें।
•यदि वह अकेला है, उसके परिवार से संपर्क करने के लिए विवरण खोजने की कोशिश करें और डॉक्टर को सूचित करें क्यों कि वह उपरोक्त रोग का ज्ञात रोगी हो सकता है, डॉक्टर के लिए तुरन्त विशेष आपात्कालीन उपचार देने में बहुत आसानी हो जाती है
•यदि प्राथमिक उपचार के उपायों से 1-2 मिनट में रोगी होश में नहीं आ रहा है तो सबसे पास अस्पताल अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें।

बेहोशी के खतरे को कम करने के लिए:
•बेहोशी की किसी भी कारक समस्या को जानकर उसकी किसी भी चिकित्सा की समस्या के इलाज के लिए अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
•निर्धारित दवाओं का सेवन करें। डॉक्टर से इनके कोई दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी लें।
•उम्र के अनुसार धीरे से बिस्तर या कुर्सी से उठें।
•अचानक अपने सिर को घुमाने से बचें और विशेषतः अगर आपको स्पोंडिलाइटिस की तरह गर्दन की समस्या है।
•गर्दन के आसपास ढीले ढाले कपड़े पहनें और गले कसकर बंधे गहनों से बचें।
•जब भी गर्म और नम हो, ज्यादा व्यायाम न करें।
•जब आप धूप में हों और व्यायाम करते हैं,तब तरल पदार्थ बहुत पीयें।
•भरा कमरे और गर्म, आर्द्र स्थानों से बचें. अन्यथा एक फैन का प्रयोग करें।
•एक समय में लंबे समय तक एक स्थान पर खड़े रहने से बचें, खासकर जब आप खड़े रहने लिए अनभ्यस्त हों।
•यदि आप शराब पीते है, तो सीमित करें।
•मधुमेही को एक ब्रेसलेट पहनना चाहिए और उनके भोजन और दवा अच्छी तरह से सुनिश्चित प्रयोग करना चाहिए। रक्त शर्करा के स्तर में अचानक गिरावट को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक देखभाल करना चाहिए।
•उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों को नियमित रूप से दवाओं के नियंत्रण के अधीन उनके रक्तचाप रखना चाहिए और इसे नियमित रूप से जाँच हो।

दिलचस्प अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: किसी आदमी को बेहोश होने के पहले क्या इसका पता चल जाता है कि वह बेहोश होने वाला है?
उत्तर: जो रोगी बेहोश होते हैं उन्हें विभिन्न कारणों की वजह का अनुभव होता है, निम्नलिखित चेतावनी लक्षण का उल्लेख किया जाता है:
•सिर में भारीपन और उनींदापन का अचानक महसूस होना
•आंखों के सामने अंधेरा की अनूभूति होना
•पैर में कमजोरी
•हल्की मतली या पेट में बेचैनी
•दिल की धड़कन या नाड़ी की गति में अचानक वृद्धि
•संदेह और आसपास के वातावरण के बारे में जागरूकता की कमी
•कुछ उच्च रक्तचाप के रोगियों में अचानक गंभीर सिर दर्द
•ह्रदय रोगियों में अंधेरी छाकर सीने में दर्द हो सकता है
•सांस की तकलीफ या घुटन भी हो सकती है
प्रश्न: क्या बेहोशी मस्तिष्क की कोई आंतरिक क्षति की एक कड़ी है?
उत्तर: बेहोशी का प्रभाव इस बात पर आधारित है कि पहले किस प्रकरण में बेहोशी आई थी और बेहोशी के दौरान गिरने से क्या किसी प्रकार की चोट आई थी, अगर किसी साधारण कारण जैसे अस्थायी तौर पर रक्त शर्करा के स्तर में कमी, या निर्जलीकरण के कारण बेहोशी
आई हो तो व्यक्ति कुछ ही समय में होश में आ जाता है, तो ऐसे में मस्तिष्क क्षति का कोई अवसर नहीं होता। अगर बेहोशी का कारण मस्तिष्क धमनी में रक्त के थक्के या उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीज में मस्तिष्क की धमनी फटने से मस्तिष्क की क्षति हो सकती है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि साधारण रक्त शर्करा का निम्न स्तर से भी तत्काल चिकित्सा नहीं किये जाने पर मस्तिष्क क्षति का कारण हो सकती है। इसी कारण से बेहोशी के मामले में तत्काल चिकित्सा आपातकालीन ध्यान दिया जाना महत्वपूर्ण है.

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