१. मिलकर जुदा हुये तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम
आँसू छलक छलक के सतायेंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोयेंगे रात भर
जब दूरियों की याद दिलों को सतायेगी रात भर
जिस्मों को चाँदनी में भिगोया करेंगे हम
गर दे गया दगा तूफाँ भी क़तील
२.ये मोजेजा भी मोहब्बत कभी दिखाये मुझे
के संग तुझ पे गिरे और जख़्म आये मुझे
वो मेहरबां है तो इकरार क्यूँ नहीं करता
वो बदगुमान है तो सौ बार आज़माये मुझे
वो मेरा दोस्त है सारे जहान को है मालूम
दगा करे वो किसी और से तो शरम आये मुझे
मैं अपनी ज़ात में नीलाम हो रहा हूँ क़तील
ग़मे-ए- हयात से कह दो ख़रीद लाये मुझे (क़तील शिफाई)
2. दिल को ग़मे ए हयात गँवारा है इन दिनों
पहले जो दर्द था चारा है इन दिनों
ये दिल ज़रा सा दिल यादों में खो गया
ज़र्रे को आँधियों का सहारा है इन दिनों
तुम आ सको तो शब को बढा दूँ कुछ और भी
अपने कहे में सुभो का तारा है इन दिनों (क़तील शिफाई)
3. अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है व़फ़ा के मानी
ये तेरी सादा दिली मार न डाले मुझको
खुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ क़तील
शर्त ये है कोई बाहों में संभाले मुझको (क़तील शिफाई)
4. परेशां रात सारी हैं सितारों तुम तो सो जाओ
सुकुँ ए मर्ज तारी है सितारों तुम तो सो जा आओ
तुम्हे क्या आज भी कोई मिलने नहीं आया
ये बाजी हमने हारी है सितारों तुम तो सो जाओ
कहे जाते हो रो रोके हमारा हाल दुनिया से
ये कैसी राजदारी है सितारों तुम तो सो जाओ (क़तील शिफाई)
5. अंगडाई पर अंगडाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मेरी तन्हाई की
कौन सियाही घोल गया था वक़्त के बहते दरिया में
मैंने आंख झुकी देखी है आज किसी हर्जी की
वस्ल की रात जाने क्यूं इसरार था उनको जाने पर
वक़्त से पहले डूब गये तारों ने बडी दानी की
उडते उडते आस का पंछी दूर ऊफक में डूब गया
रोते रोते बैठ गई आव़ाज किसी सौदाई की (क़तील शिफाई)
6. सदमा है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ के अब तेरा क्या हूँ मैं
बिखरा पडा है तेरे ही घर में तेरा वज़ूद
बेकार मेहफिलों में तुझे ढूँढता हूँ मैं
ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं (क़तील शिफाई)
7. तुम्हारे अंजुम से उठके दिवाने कहाँ जाते
जुन्बा बस्ता हुये हमसे वो अब सारे कहाँ जाते
तुम्हारी बेरुखी ने लाज रख ली वादा-फन ए की
तुम आँखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते
चलो अच्छा हुआ काम आगई दिवानगी अपनी
वर्ना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते (क़तील शिफाई)
8. पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइये
फिर जो निगाह- ए- यार कहे मान जाइये
पहले मिजाज़ राह गुज़र जान जाइये
फिर कर्दे राह जो भी कहे मान जाईये
कुछ केह रही है आपके सीने की धडकनें
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइये
इक धूप सी ज़म़ी है निगाहों के आसपास
ये आप हैं तो आप पे क़ुरबान जाइये
शायद हुज़र से कोई निस्बत हमें भी हो
आँखों में झाँककर हमें पहचान जाईये (क़तील शिफाई)
9. परेशाँ रात सारी हैं सितारों तुम तो सो जाओ
सुकुत ए मर्ज तारी है सितारों तुम तो सो जाओ
हमें तो आज रात पौ फटे तक जागना होगा
यही किस्मत हमारी है सितारों तुम तो सो जाओ
हमें भी नींद आ जायेगी हम भी सो जा जायेंगे
अभी कुछ बेकरारी है सितारों तुम तो सो जाओ (क़तील शिफाई)
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